स्थूल नहीं स्थायी स्थूल नहीं स्थायी
ईर्ष्या एक स्थाई भाव है कभी न कभी किसी न किसी से हो ही जाती है। मुझे भी ईर्ष्या हुई ईर्ष्या एक स्थाई भाव है कभी न कभी किसी न किसी से हो ही जाती है। मुझे भ...
मनुष्य योनि में ही सम्भव है, परमात्मा के स्थूल दर्शन करना।। मनुष्य योनि में ही सम्भव है, परमात्मा के स्थूल दर्शन करना।।
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस
इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते हैं रास्ता इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते ...